फर्रुखाबाद में दहेज हत्या के मामले में पति और ससुर को 7 वर्ष की सजा
फर्रुखाबाद। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट महेंद्र सिंह ने विवाहिता की दहेज हत्या के मामले में पति और ससुर को सात वर्ष के कारावास से दंडित किया है। साथ ही बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मऊदरवाजा थाने में वर्ष 2011 में दहेज हत्या के मामले में रिपोर्ट लिखायी गयी थी। अभियोजन के मुताबिक शिल्पी का विवाह जसमई के प्रशांत उर्फ सीलू के साथ हुआ था। सामर्थ्य के अनुसार शिल्पी के परिजनों ने दान दहेज दिया था। इसके बाद भी प्रशंात और उनके पिता अवधेश दीक्षित दहेज से संतुष्ट नहीं थे और आये दिन दहेज को लेकर शिल्पी को प्रताड़ित करने लगे। एक लाख रुपये की मांग की गयी। शिल्पी ने यह बात अपने परिजनों को बतायी । इस पर शिल्पी के पिता ने 22 मार्च को पत्नी ऊषा को शिल्पी की ससुराल जसमई भेज दिया। ऊषा के सामने भी प्रशंात और उसके पिता अवधेश ने काफी प्रताड़ित किया और एक लाख रुपये की मांग की। 24 मार्च का सुबह सात बजे सूचना मिली कि पुत्री शिल्पी और पत्नी ऊषा की हत्या कर दी गयी है। शिल्पी व ऊषा का शव घर पर पडे़ होने की सूचना पर परिजन गांव में पहुंचे और रिपोर्ट लिखायी। शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह राजपूत और अमित प्रताप ने बताया कि पुलिस की विवेचना में विवाहिता की मां ऊषा देवी की हत्या साबित नहंी हुयी। जो कोर्ट में साक्ष्य आये उसमें भी हत्या का कोई प्रमाण सामने नहीं आया। जबकि विवाहिता शिल्पी की दहेज को लेकर हत्या की गयी थी।