टनल में दो नहीं 50 लाख की हुई थी लूट, जानें पीड़ितों ने पुलिस से क्यों छिपाई सही रकम
देश की राजधानी दिल्ली में बीते शनिवार (24 जून) को हुई दिनदहाड़े लूटपाट की घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया. प्रगति मैदान टनल में गाड़ी से जा रहे एक व्यक्ति को कुछ बाइकसवारों ने घेरा और पैसों से भरा हुआ बैग छीन लिया. सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो छाया और हर किसी ने इस घटना को देखा. दिल्ली पुलिस ने इस केस को सुलझा लेने का दावा किया और कई गिरफ्तारी भी की हैं. इस लूटपाट की पूरी कहानी क्या है और किस तरह पुलिस ने इस मामले को सुलझाया है, आपको विस्तार से बताते हैं.
दिल्ली में कब और कहां हुई थी घटना?
देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार को प्रगति मैदान टनल में यह घटना हुई थी. तब चार बाइकसवार लुटेरों ने एक कैब को टनल के बीच में ही रोका और उसमें बैठे व्यक्ति से पैसों से भरा हुआ बैग लूट लिया. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. वीडियो आने के बाद से ही दिल्ली पुलिस आरोपियों की तलाश में थी और केस को सुलझाने में लगी थी.
बंदूक के दमपर हुई इस लूटपाट की घटना ने राजधानी में हर किसी को झकझोर दिया था, जिसके बाद कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे. बैग में कितने रुपये थे, इसको लेकर अलग-अलग बातें सामने आई थीं. पहले जानकारी आई थी कि कार से 2 लाख रुपये लूटे गए हैं, लेकिन बाद में जब पुलिस ने करीब 8 लाख से अधिक की राशि जब्त की तब आशंका जताई गई कि ये रकम 50 लाख रुपये तक हो सकती है.
किसके साथ हुई थी लूट, कौन थे हमलावर?
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, जो शख्स गाड़ी में बैठा था उसका नाम साजन कुमार था. वह चांदनी चौक की एक प्राइवेट कंपनी में बतौर डिलीवरी एजेंट काम करता था. शनिवार को वह अपने साथी के साथ कैब में सवार होकर दिल्ली से गुरुग्राम जा रहा था. तभी दो बाइक पर सवार चार लोगों ने गाड़ी को टनल के बीच में ही रुकवाया और हथियार दिखाकर पैसे लूट लिए. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें घटना को अंजाम देने वाले उस्मान अली (कल्लू), इरफान, अनुज मिश्रा, कुलदीप शामिल थे. इनके अलावा पुलिस ने सुमित, आकाश, प्रदीप, अमित को भी गिरफ्तार किया है.
अलग-अलग राज्यों में तलाश कर रही पुलिस
इस मामले में पुलिस का एक्शन जारी है और बुधवार को भी नए अपडेट सामने आए हैं. पकड़े गए आरोपी प्रदीप के पास से करीब साढ़े 3 लाख रुपये का कैश बरामद किया गया. यानी इस लूट की कुल बरामद राशि अभी तक साढ़े आठ लाख रुपये हो चुकी है. दिल्ली पुलिस अभी भी 3 आरोपियों की तलाश में है.
सूत्रों की मानें तो प्रगति मैदान टनल लूट में तीन अलग-अलग गैंग शामिल थे, घटना को अंजाम देने के बाद सभी बदमाश अलग जगह भागे. इनमें प्रदीप और बाला हरिद्वार की ओर भागे और वहां जाकर अपने मोबाइल फोन नष्ट कर दिए. जबकि अनुज, कपिल पूर्वी यूपी की ओर भागे हैं. दिल्ली पुलिस इस मामले में उत्तराखंड, हरियाणा और यूपी में तलाश कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, कैब में जिस बैग को लूटा गया उसमें करीब 50 लाख रुपये थे. लेकिन कारोबारी ने पुलिस में सिर्फ 2 लाख रुपये की ही शिकायत दर्ज करवाई थी.
कौन था पूरी घटना का मास्टरमाइंड?
दिल्ली पुलिस ने इस घटना को लेकर जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक 25 साल का उस्मान इस घटना का मास्टरमाइंड था. बुराड़ी के रहने वाला उस्मान एक डिलीवरी बॉय था, जो लंबे वक्त से बड़े कर्ज़ में डूबा था. अपना कर्ज़ा चुकाने के लिए ही उसने यह साजिश रची थी. उस्मान ने अपने साथियों को इसके लिए इकट्ठा किया, जिसमें उसका कज़िन इरफान भी शामिल था. दोनों ने मिलकर बाद में पूरी प्लानिंग की थी. जानकारी के मुताबिक, उस्मान पर काफी कर्ज था साथ ही वह आईपीएल में सट्टेबाजी कर हज़ारों रुपये गंवा चुका था.
दरअसल, उस्मान अक्सर डिलीवरी लेकर चांदनी चौक जाता था. जहां उसे मालूम पड़ा कि यहां बड़ी संख्या में लोग कैश लेकर आते हैं, यहां पर ही उसे इस लूट का आइडिया आया. उस्मान और उसके गैंग ने गुरुवार, शुक्रवार को इसकी रेकी की और एक-एक चीज़ को परख लिया. बाद में शनिवार को प्रगति मैदान टनल के पास इस घटना को अंजाम दिया गया. जिसमें दो बाइकों, हथियार का पहले से ही इंतजाम था और चार लोग उस पर सवार होकर कार का पीछा करते रहे और घटना को अंजाम दिया.
इस पूरी घटना से जुड़ी अन्य अहम बातें:
# दिल्ली पुलिस के मुताबिक, कुल सात आरोपियों से कुछ आरोपी तो पेशेवर लोग थे और पहले भी उनपर कई तरह के मुकदमे चलते रहे हैं. सभी ने आपस में काम बांटा और वाहन लाने, हथियार लाने का जिम्मा एक-दूसरे को दिया गया.
# दिल्ली पुलिस ने उस्मान और प्रदीप की पहचान मुख्य साजिशकर्ता के रूप में की है. इनमें अनुज एक मैकेनिक है, जो दिल्ली जल बोर्ड में काम करता है. इनके अलावा दो लोग सब्जी की दुकान चलाते हैं, जबकि उस्मान का कज़िन एक नाई है. हैरानी की बात ये है कि कुलदीप पर पहले से ही कुल 16 मामले दर्ज है, जबकि प्रदीप पर भी 37 आपराधिक केस हैं. वह कुछ वक्त जेल में भी बिता चुका है.
# दिल्ली पुलिस ने टनल के पास के सीसीटीवी फुटेज में आरोपियों की पहचान की, जिसमें घटना से दो दिन पहले ये सभी रेकी करते हुए भी दिखाई दिये थे. दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद इनके पास से फर्ज़ी नंबर प्लेट, करीब पांच लाख रुपये, एक पिस्तौल और कारतूस जब्त की है.
# दिल्ली पुलिस ने इस घटना के बाद लाल किला, प्रगति मैदान के आसपास एक स्पेशल ड्राइव चलाई. जिसमें करीब 1500 लोगों को डिटेन किया गया, करीब 270 वाहनों को सीज़ किया गया. नाइट पैट्रोल के वक्त चली इस ड्राइव का उद्देश्य प्रगति मैदान टनल लूट के मुख्य आरोपियों को पकड़ना था.