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भैंसे की मौत में 28 साल बाद 83 वर्षीय बुजुर्ग के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, पुलिस को देख रोने लगा वृद्ध

बाराबंकी:एक भैंसे की 28 साल पहले बस दुर्घटना में मौत हो गई थी. इस मामले में अब 83 वर्षीय बुजुर्ग की गिरफ्तारी के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट बरेली ने वारंट जारी कर दिया है. वारंट मिलते ही वृद्ध के पैरों के नीचे से मानो जमीन खिसक गई है. हद तो तब हो गई, जब वारंट को पुलिस ने तारीख के एक दिन बाद पहुंचाया. इतना ही नहीं वारंट लेकर बरेली पुलिस नहीं बल्कि बाराबंकी पुलिस पहुंची. लकवाग्रस्त वृद्ध का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं बरेली से दरोगा ने फोन कर उनसे कहा कि बरेली में. न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां से उनका वारंट हुआ है. कोर्ट में हाजिरी जरूर लगा दो. नहीं तो मजबूरन गिरफ्तार करना पड़ेगा. दरोगा ने वृद्ध को गिरफ्तारी और कुर्की की भी धमकी दी. जिसके बाद वह डर के किसी तरह बरेली गए तो वहां पर भी वकील ने उन्हें ठग लिया. उनका आरोप है कि विभाग की लापरवाही का हर्जाना उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

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यह मामला बाराबंकी के दयानंद नगर में रहने वाले अच्छन पुत्र मुनव्वर का है. वह कैसरबाग डिपो में बस चालक थे. इसके बाद चारबाग और बाराबंकी डिपो में कार्यरत रहे. उन्होंने बताया कि साल 1995 में कैसरबाग डिपो की बस लेकर लखनऊ से बरेली और फरीदपुर जा रहे थे. तभी रास्ते में अचानक उनकी बस के सामने एक भैंसा आ गया. जब तक वह ब्रेक लगाते तब तक भैंसा बस से भिड़ गया और उसकी मौत हो गई. उस समय फरीदपुर थाने में दुर्घटना का मुकदमा लिखा गया. इसके बाद वह छोड़ दी गई. मामला खत्म हुआ या नहीं कुछ भी पता नहीं चला. अच्छन के मुताबिक वह उसके बाद बाराबंकी डिपो से सेवा सेवानिवृत्त भी हो गए.

दरोगा ने दी गिरफ्तारी और कुर्की की धमकी

अच्छन ने आगे बताया कि अब अचानक फरीदपुर थाने के एसआई विजयपाल ने उनके पास बाराबंकी में बड़ेल चौकी की पुलिस से गिरफ्तारी का वारंट पहुंचाया. वारंट देखते ही वह रोने लगे. उन्होंने कहा कि उनके पास वारंट एक दिन बाद भिजवाया गया. वह लकवाग्रस्त है और बीमार रहते हैं. चलने में भी दिक्कत होती है. ऐसे में वह वहां कैसे जाएंगे. वहीं बड़ेल चौकी के पुलिसकर्मियों ने भी उनकी दशा देखकर कहा कि कोर्ट में जाकर हाजिरी जरूर लगा दें. जबकि दरोगा विजयपाल ने फोन कर उनसे कहा कि बरेली में न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां से उनका वारंट हुआ है. कोर्ट में हाजिरी जरूर लगा दो. नहीं तो मजबूरन गिरफ्तार करना पड़ेगा. दरोगा ने वृद्ध को गिरफ्तारी और कुर्की की भी धमकी दी. जिसके बाद वह डर के किसी तरह बरेली गए तो वहां पर भी वकील ने उन्हें ठग लिया. उनका आरोप है कि विभाग की लापरवाही का हर्जाना उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

न्याय के लिए खा रहे दर-दर की ठोकर

अच्छन अब न्याय की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि उनके लकवा मार गया है. अब उनकी हालत बहुत खराब है और वह मरने की कगार पर हैं. ऐसी हालत में वह बार-बार बरेली कैसे जाएंगे कुछ पता नहीं है. उनका कहना है कि उनकी उम्मीदें अपने विभाग पर टिकी हुई हैं. वहीं उनके परिजनों का भी कहना है कि दरोगा विजयपाल उन लोगों को बार बार गिरफ्तारी और कुर्की की धमकी दे रहा है. जिससे वह लोग काफी डरे हुए और परेशान हैं. उनका कहना है कि वारंट बरेली पुलिस को आ कर देना चाहिए था लेकिन वह नहीं आई. वारंट भी उनके पास एक दिन देर से पहुंचाया गया. ऐसे में परिवहन विभाग पुलिस की गलतियों का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है. वहीं इस मामले में परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कुमार सिंह ने बताया किया दुर्घटना का मामला है. लेकिन अगर अच्छन प्रार्थना पत्र दें. तो लखनऊ हेड ऑफिस को पत्र भेजकर उनकी मदद करने की पूरी कोशिश की जाएगी.

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