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पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को बड़ी राहत, 11 साल पुराने मामले में बरी; नहीं मिले सबूत

सुलतानपुर: सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को आज सुल्तानपुर जिले की MP/MLA कोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में बरी कर दिया है. 11 वर्ष बाद इस मामले में फैसला आया है. अभियोजन की दलीलें कोर्ट में फेल हो गईं हैं. लगातार तीन पेशी से लखनऊ जेल से गायत्री के कोर्ट नहीं पहुंचने पर फैसले में देरी हुई.

अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि 28 जनवरी 2012 में विधानसभा चुनाव में गायत्री प्रसाद प्रजापति नामांकन करने जा रहे थे. प्रशासन का आरोप था कि जिस रास्ते से इनका नामांकन जुलूस जा रहा था, उसकी परमिशन नहीं ली गई थी. इस वजह से अमेठी कोतवाली में गायत्री के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया गया था. इसमें बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष द्वारा अपने अपने तर्क और साक्ष्य प्रस्तुत किए गए लेकिन MP/MLA कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा दिए गए साक्ष्य को पर्याप्त नहीं माना और आज उस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति को बरी कर दिया.

उन्होंने बताया कि विशेष मजिस्ट्रेट MP/MLA कोर्ट योगेश यादव ने गुरुवार को मामले में फैसले की तारीख तय की थी. गायत्री प्रसाद प्रजापति को जिला कारागार लखनऊ से तलब किया गया था. गायत्री प्रसाद प्रजापति के अधिवक्ता ने अर्जी देकर जेल प्रशासन पर दण्डात्मक कार्यवाही की मांग की थी. कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया तो जेल प्रशासन लखनऊ हरकत में आ गया है और आज पूर्व मंत्री को लेकर कोर्ट में हाजिर हुआ.

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