बीकेयू टिकैत ने ग्रेटर नोएडा में किसानों की मांगों को लेकर किया जबरदस्त प्रदर्शन
ग्रेटर नोएडा/ डॉ सतीश शर्मा जाफराबादी
किसने की 10 सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में जबरदस्त प्रदर्शन किया। हजारों किसान ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर निकल पड़े और कई किलोमीटर लंबा मार्च किया। इस अवसर पर किसानों और पुलिस अधिकारियों की तीखी झड़प हुई। किसान संगठन ने प्रधानमंत्री के नाम अधिकारियों को ज्ञापन दिया है 10 सूत्री किसने की मांग और ज्ञापन इस प्रकार है-
माननीय,
श्री नरेन्द्र मोदी जी,
प्रधानमंत्री, भारत सरकार, दिल्ली।
द्वारा- जिलाधिकारी ……………………..।
विषय- किसानों की समस्याओं व उनके समाधान हेतु।
मान्यवर,
भारतीय किसान यूनियन आज दिनांक 09.08.2024 को ट्रैक्टर मार्च के माध्यम से किसानों की समस्याओं व उनके समाधान की ओर प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट करना चाहती है। प्रदेश सरकार ने किसानों के स्तर को उठाने के लिए अपने घोषणा पत्र में तमाम तरह के वायदे भी किए हैं। भाकियू इस ट्रैक्टर मार्च के माध्यम से प्रदेश सरकार को उनके द्वारा किए गए वायदे भी याद दिलाना चाहती है, साथ ही तीन कृषि बिलों की वापसी के बाद एमएसपी गारंटी कानून के लिए केंद्र सरकार की बाट जोह रहा किसान यह भी आशा रखता है कि इस दिशा में उचित कदम उठाए जाएंगे। भूमि अधिग्रहण कानून और भी मजबूती के साथ किसान हितों के लिए बनाया जाएगा। जल-जंगल-जमीन बचाने के लिए एकजुटता दिखाते आदिवासियों की भी सरकार सुध लेगी। केरल का नारियल किसान हो या समुद्री तटों पर मछुआरों के हितों की रक्षा या फिर चार साल के लिए अग्निवीर योजना के तहत चयनित युवाओं का भविष्य फिर से संवारने की योजना, इस पर सबसे पहले संसद के सत्र में विचार कर इसे उपयोगी बनाया जाएगा।
किसानों की समस्याओं के बीच से ही भारतीय किसान यूनियन का उदय हुआ। ऐसे में देश-दुनिया के किसानों के साथ कृषि मजदूर भी भाकियू की ओर आस लगाए बैठा है। भारतीय किसान यूनियन ऐसे में देश-दुनिया के किसानों-मजदूरों और आदिवासियों को विश्वास दिलाती है कि वह इस वर्ग के हितों की रक्षा के लिए सतत संघर्ष करती रहेगी। भारतीय किसान यूनियन ट्रैक्टर मार्च के माध्यम से राज्य सरकार को किसान हितों में कानून बनाने की दिशा में पहल करने की बात भी पहुंचाना चाहती है। इसलिए भारतीय किसान यूनियन इस ट्रैक्टर मार्च में इन प्रस्ताव को पारित करती है-
1-एमएसपी गारंटी कानून आज की सबसे अधिक जरूरत है। केंद्र सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हो रहा है, ऐसे में केंद्र सरकार इस मामले में नई कमेटी का गठन कर इस कानून को तत्काल अमलीजामा पहनाएं।
2-फसलों के उचित लाभकारी मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को केंद्र सरकार लागू करे। इसके लिए सी2$50 के फामूले को लागू किया जाए।
3-देश में एक अलग से किसान आयोग का गठन किया जाए।
4-गन्ने का मूल्य यूपी समेत अन्य राज्यों में भाजपा के शासनकाल में नाममात्र का बढ़ाने का काम किया गया है, जिससे किसान संकट में है। कम से कम 400 रुपये कुंतल गन्ने का भाव किया जाए और गन्ना बकाया डिजीटल भुगतान की तुरंत व्यवस्था हो।
5-कई राज्यों में किसानों को बिजली मुफ्त में देने का काम राज्य सरकारें कर रही हैं। बाकी राज्यों में भी किसानों को मुफ्त बिजली दी जाए। यूपी में ट्यूबवेलों पर बिजली मीटर लगाने तत्काल बंद हों। सरकार इस पर स्पष्टीकरण जारी करे।
6-सबसे विकराल समस्या किसानों के सामने छुट्टा पशुओं को लेकर है। सरकार ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी परती की जमीनों पर अस्थाई पशुशालाएं बनाए ताकि किसानों को इससे खेती के अलावा जान-माल की सुरक्षा भी हो सके।
7-छोटी जोत के किसानों के लिए अलग से योजना बनाई जाए। उनके परिवारों के स्वास्थ्य और उनके बच्चों की शिक्षा का भी अलग से उचित प्रबंध हो। छोटी जोत के किसानों को उबारने के लिए कृषि ऋण को ब्याजमुक्त करने का काम किया जाए। किसान क्रेडिट कार्ड पर केवल 1 फीसदी की दर से ब्याज लगाया जाए और उसकी मियाद कम से कम पांच वर्ष की जाए।
8-उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के जो भी जनपद बाढ़ की चपेट में आए हैं, उनके मैदानी सर्वे कराकर तत्काल रूप से फसलों के साथ-साथ ही जनहानि का भी मुआवजा दिया जाए।
9-खाद-बीज व कीटनाशक के क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में किसानों के नाम पर उद्योगों को दी जा रही सब्सिडी सीधे किसानों को दी जाए।
10-जल स्तर को ऊपर उठाने के लिए नदियों को आपस में जोड़ने की योजना का विस्तार किया जाए। वाटर रिचार्ज की स्कीम को धरातल पर उतारा जाए। इसके लिए नदियों पर चेकडेम बनाने के साथ उनकी साफ-सफाई भी कराई जाए। छोटी नहरों में रिचार्ज कूप योजना को लागू किया जाए।