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याद है कोरोना काल! फिर गंगा के किनारे दिखाई देने लगे शव, मचा हड़कंप

गंगा के घाटों पर शवों को दफनाने का नियम नहीं है। NGT और जिला प्रशासन ने लाशों को गंगा किनारे दफनाने की पाबंदी लगाई है। इसके बाद भी प्रयागराज में गंगा किनारे शव को दफनाया जा रहा है। फाफामऊ घाट पर रोज शवों को गंगा किनारे रेत में दफनाया जा रहा है। बारिश के बाद शव से बालू हट गए। इसके बाद घाट पर लाशें दिखाई देने लगीं।

2020 में करोना काल में भी तस्वीर हुई थीं वायरल

ऐसी ही तस्वीर साल 2020 में कोरोना में तस्वीर वायरल हुई ‌थी। तब उसे कोरोना में हुए मौत से जोड़कर दिखाया गया था। इसके बाद सरकार की किरकिरी हुई थी। जबकि सरकार कहती रही क‌ि गंगा किनारे शव दफनाने की पंरपरा है। लोग सामान्य दिनों में भी शव को गंगा किनारे दफनाते है। सरकार लोगों को गंगा किनारे शव को दफनाने की रोक लगाई है। इसके बाद भी लोग शवों को गंगा किनारे शवों को दफनाते हैं।

प्रयागराज के फाफामऊ घाट पर शव दफनाने की तस्वीर आई सामने

फाफामऊ घाट दफनाए शव की तस्वीर बेहद डरावनी है। लोग जिला प्रशासन और NGT के निर्देशों को नहीं मान रहे हैं। मॉनसून आने में अब कुछ ही दिनों का समय बचा है। ऐसे में गंगा नदी के तट पर जो शव दफन किए जा रहे हैं, नदी का जलस्तर बढ़ने पर उनके गंगा में समाने का भी खतरा बना हुआ है। जब गंगा का जलस्तर बढ़ेगा तो लाशें गंगा में बहेंगी। इससे गंगा प्रदूषित होगी।

प्रयागराज मेयर ने किया ये दावा

प्रयागराज के मेयर गणेश अग्रवाल का कहना है कि लोगों को जागरूक किया जाा रहा है। लोगों की रेत में शव दफनाने की परंपरा रही है। पिछले कोरोना काल की तरह गंदगी गंगा में न जाए, इस तरह से शव गाड़ने की व्यवस्था न हो। इस हिसाब से समाज को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है, जहां ऐसा हुआ तो उसका अंतिम संस्कार भी नगर निगम कराएगा।

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