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दोस्त की जलती चिता में कूदकर दे दी जान, कैंसर से हुई थी दोस्त की मौत; स्कूल में हुई थी दोस्ती

दोस्ती के किस्से कहानियां हमको किताबों में ज्यादा मिलते हैं लेकिन हकीकत में दोस्ती के लिए अपनी जान की कोई परवाह नहीं करे, ऐसा मामला फिरोजाबाद के नगला खंगर में देखने को मिला। दोस्त की कैंसर से मौत के बाद युवक उसकी चिता के पास बैठा रहा और जैसे ही मौका मिला तो उसमें कूदकर लेट गया। 90 प्रतिशत जले युवक आगरा रेफर कर दिया गया। आगरा ले जाते समय उसकी भी रास्ते में ही मौत हो गई।

थाना नगला खंगर क्षेत्र के गांव मढ़ैया नादिया निवासी अशोक कुमार (32 साल) पुत्र रामबाबू को कैंसर की बीमारी थी। लम्बे समय से बीमारी से ग्रसित होने से कुछ दिन पहले बीमार हुआ और उसकी शनिवार को मौत हो गई। बीमारी से मौत के कारण परिवार के सदस्यों ने दोपहर में ही अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर ली। शव को नगला खंगर के सलोपुर घाट पर लेकर गए और मुखाग्नि दे दी। इसके बाद गांव के अधिकांश लोगों के साथ ही रिश्तेदार वापस लौट आए। अशोक की दोस्ती गढ़िया पंचवटी भदान के आनंद राजपूत (35 साल) पुत्र रणवीर सिंह से थी। दोनों बचपन के दोस्त थे और एक दूसरे से ऐसी दोस्ती थी कि परिवार के लोग भी जानते थे कि वे एक दूसरे के लिए जान भी दे सकते हैं।

अंतिम संस्कार के दौरान अशोक के शव से लिपटकर आनंद रो रहा था। इस दौरान लोगों को यह नहीं पता था कि अशोक की चिता के पास गुमसुम सा बैठा आनंद आत्मघाती कदम उठा सकता है। और हुआ भी ऐसा ही नगला खंगर के सलोपुर घाट पर जैसे ही अंतिम संस्कार के बाद लोगों की संख्या कम हुई तो आनंद ने मौका पाकर अशोक की चिता पर छलांग लगा दी और चिता पर पूरी तरह लेट गया। जलता हुआ आनंद चिता में चीखा-चिल्लाया तो लोगों को इसकी जानकारी हुई। इसके बाद उसे किसी तरह बाहर निकाल कर उपचार के लिए ले जाया गया। वहां से उसे आगरा रेफर कर दिया गया। मगर इसी बीच आगरा ले जाते समय उसकी रास्ते में ही मौत हो गई। इस संबंध में सीओ सिरसागंज प्रवीन तिवारी का कहना है कि युवक की मौत हो गई है।

बांस के सहारे निकाला आनंद को

चिता पर लेटे आनंद को अंतिम संस्कार के बाद रुके लोगों ने बांसों की मदद से बाहर निकाला और परिवार को घटना की जानकारी दी। इसके बाद गाड़ी से बुरी तरह झुलसे आनंद को जिला अस्पताल लाए और यहां चिकित्सक और कर्मचारियों ने उसे प्राथमिक उपचार देकर पट्टियां बांधीं। इसके बाद गंभीर हालत देखकर उसे आगरा रेफर कर दिया गया। चिकित्साकर्मियों के अनुसार आनंद 90 प्रतिशत तक जल गया था। वहां से आगरा ले जाते समय रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल, चार बेटियां हैं

आनंद की पत्नी गुड्डी देवी का रोते-रोते बुरा हाल हो गया है। आनंद पर चार बेटियां हैं। परिवार के सदस्य जिला अस्पताल में परेशान थे और समझ नहीं पा रहे थे कि दोस्ती में आनंद ने ऐसा कदम क्यों उठाया। हादसे के बारे में पूछने पर परिजनों के आंसू झलक रहे थे।

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