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जेवर एयरपोर्ट के गांव में विस्थापन नीति का विरोध ग्रामीणों ने भाकियू के साथ पकड़ी आंदोलन की राह कल होंगी गांव में सभाएं

जेवर एयरपोर्ट के गांव से डॉ. सतीश शर्मा जाफराबादी

जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के विस्थापित गांव में ग्रामीण सरकार की विस्थापन नीति के विरोध में उतर आए हैं।शनिवार को 2 गांव में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की सभा के लिए ग्रामीण एकजुट हो रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से गांव के लोग नगला हुकम सिंह और रनहेरा गांव में होने वाली पंचायत के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं। नगला हुकम सिंह के किसानों का कहना है कि प्रशासन ने प्रथम चरण की विस्थापन नीति को ही स्वीकृत कराने के लिए शासन को भेज दिया है जो कि गलत है और उनके साथ अन्याय है। रनहैरा गांव के किसान भी लामबंद होने की तैयारी कर रहे हैं। राकेश टिकैत जेवर एयरपोर्ट के गांव की मांगों को प्रशासन से मनवाने के लिए दूसरी बार आ रहे हैं। पिछले वर्ष भी हुआ है यमुना एक्सप्रेस वे पर साबो ताकत के पास जनसभा को संबोधित करके गए थे इसके बाद फिर जेवर एयरपोर्ट के गांव में आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

दूसरे चरण के गांव में प्रशासन का दावा है कि किसानों की सहमति पहले से ही मिल गई है। प्रशासनिक अधिकारियों ने यह भी बताया कि किसानों के बीच उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के बाद विस्थापन नीति को शासन को भेज दिया गया है। गांव के लोग प्रशासन के इस विस्थापन नीति का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

ये हैं किसानों की मांग

1.विस्थापित ग्रामीण को घर और घेर के समतुल्य जमीन का प्लॉट।

2. आर्थिक राशि 500000 के बजाय 12 लाख रुपए।

3. सोर की जमीन का मुआवजा दिया जाए।

4. विस्थापित किसानों को जमीन खरीदने के लिए स्टांप शुल्क से मुक्ति दी जाए।

5. विस्थापित परिवार को न्यूनतम 100 गज का प्लॉट दिया जाए।

इन मांगों को लेकर किसान अब आंदोलन पर उतर आए हैं भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट का इन किसानों ने सहारा लिया है। गांव में विस्थापन नीति का जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। किसानों को कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी तो वह विस्थापन को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।

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