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जेवर में जानें क्यों 27 दिन बाद कब्र से निकाला महिला का शव

जेवर/ग्रेटर नोएडा। जेवर में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई गर्भवती की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को गौतमबुद्ध नगर और बुलन्दशहर की पुलिस की मौजूदगी में 27 दिन बाद कब्र से शव निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। वहीं, इस मामले में गत तीन मई को बुलंदशहर में मृतका के ससुराल वालों पर मुकदमा दर्ज हो चुका है।

मोहल्ला सरायनैन सिंह जेवर निवासी सद्दाम ने अपनी 22 वर्षीय बहन करिश्मा उर्फ फरहा का निकाह 2 नवंबर 2020 को बुलंदशहर के अहमदगढ़ निवासी शान मोहम्मद के साथ किया था। निकाह में उन्होंने अपनी हैसियत के अनुसार दान-दहेज भी दिया था। दहेज से करिश्मा के सुसरालजन संतुष्ट नहीं थे। आरोप है कि वह करिश्मा से मायके से कार लाने की मांग करते और अक्सर उसके साथ मारपीट करते थे। 20 अप्रैल को आठ माह की गर्भवती करिश्मा के साथ उसके पति शान मोहम्मद, सास, ससुर, देवर, ननद फिरदौस ने मारपीट की। इससे वह बहोश हो गई। उसको इलाज के लिए मेरठ के अस्पताल मे भर्ती कराया, जहां 28 अप्रैल को करिश्मा और गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई थी।

मामले की भनक जैसे ही मृतका के मायके वालों को लगी तो वह मेरठ अस्पताल पहुंचे। मृतका के सुसराल वाले शव छोड़कर पहले ही मौके से फरार हो गए थे। मायके वालों ने शव को मेरठ से लाकर बिना कानूनी कार्रवाई के 28 अप्रैल की देर शाम जेवर के कानीगढी रोड स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया। इसके बाद मृतका के भाई सद्दाम ने उसके सुसरालजनों की संलिप्तता को देखते हुए अदालत से गुहार लगाई थी।

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