भगोड़ा खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ने मोगा पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. अमृतपाल सिंह अजनाला कांड के बाद से ही फरार चल रहा था. पिछले करीब एक महीने के दौरान पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए कई जगहों पर छापेमारी भी की गई थी लेकिन वो हाथ नहीं आ सका था.
सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जाएगा. ये वही जेल हैं जहां उसके कई साथियों को भी रखा गया है. अमृतपाल सिंह पर सरकारी कार्रवाई में बाधा डालने, शांति भड़काने जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं. बताया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह शनिवार देर रात मोगा पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
18 मार्च से फरार चल रहे अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया था. यहां तक कि नेपाल पुलिस ने भी उसको अपनी सर्विलांस सूची में डाल रखा था. क्योंकि बीच में खबर आई थी कि अमृतपाल नेपाल के रास्ते हुए पाकिस्तान भागने की फिराक में था.
अब तक कई सहयोगियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
अमृतपाल सिंह के सरेंडर से पहले पुलिस ने 10 अप्रैल को उसके करीबी सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था. पप्पलप्रीत वो शख्स था जो फरारी के दौरान अमृतपाल सिंह के साथ रहा था. पप्पलप्रीत को भी गिरफ्तार कर असम की जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. अमृतपाल सिंह के गिरफ्तार सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है.
तीन दिन पहले पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को एयरपोर्ट से हिरासत में लिया था. किरणदीप लंदन जाने की तैयरी में थी, लेकिन उड़ान भरने से ठीक पहले पुलिस ने एयरपोर्ट से ही उसे हिरासत में ले लिया था. हालांकि, बाद में पुलिस ने किरणदीप को छोड़ दिया था. अमृतपाल पाल कुछ महीने पहले ही दुबई से वापस पंजाब आया था और तब से वो वारिस पंजाब दे संगठन की मुखिया की जिम्मेदारी संभाल रहा था.