गाजियाबाद में बच्ची से दरिंदगी के बाद हत्या केस: सजा दिलाने में आरोपित की पत्नी की गवाही होगी अहम
गाजियाबाद के टीलामोड़ थाना इलाके के डिफेंस कॉलोनी में घर के बाहर से लापता चार साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव जंगल में फेंकने के मामले का पुलिस ने मंगलवार को पटाक्षेप कर दिया। बच्ची की हत्या दुष्कर्म के बाद गोद लेने वाले आरोपी ने ही घर में की थी।
शव को घर के पूजाघर में छिपा दिया था। सभी को बच्ची के लापता होने की जानकारी दी थी। पुलिस ने घर के पास लगे सीसीटीवी फुटेज और घर के फर्श से मिले खून के निशान से आरोपी तक पहुंची। आरोपी ने बच्ची का शव अपने दोस्त संग मिलकर रात में स्कूटी से जंगल में फेंका था।
इस केस के खुलासे में सबसे अहम सुराग बच्ची के खून के धब्बों के रूप में मिला। बच्ची की पिटाई के दौरान जो खून निकला, वह फर्श पर जम गया था। हत्या के आरोपी दुकानदार ने इसे साफ करने का प्रयास तो किया लेकिन धब्बे मिटे नहीं। इन धब्बों को देखकर ही पुलिस का माथा ठनका था वरना हत्या का कोई गवाह नहीं था।
सुबूत लाश ही थी जिसे हत्या के आरोपी दुकानदार ने दोस्त की मदद से ठिकाने लगाकर गुमशुदगी की झूठी कहानी बना दी थी। पुलिस दुनकादार के घर इसलिए गई क्योंकि उसने बताया था कि बच्ची उसकी बेटी और बेटे के साथ दुकान जाते समय लापता हुई है लेकिन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में बच्ची नजर नहीं आ रही थी।
दुनकादार ने बेटे और बेटी से डरा-धमकाकर कहा था कि वे यही बोलें कि बच्ची रास्ते से लापता हो गई है। ऐसे में पुलिस परेशान थी, क्योंकि बच्चे कुछ बोल रहे थे और कैमरे कुछ और। ऐसे में पुलिस की एक टीम घर से लेकर दुकान तक का चप्पा-चप्पा छानने के लिए लगाई गई।
घर में टीम के पहुंचते ही खून के धब्बे नजर आ गए। इनके बारे में पूछने पर दुकानदार सकपका गया और हड़बड़ाहट में बोला कि ये तो बहुत पुराने हैं। बच्ची के खून के धब्बों को देखकर और दुकानदार के चेहरे पर नजर आ रही घबराहट से ही पुलिस को शक हुआ। दुकानदार से सख्ती से पूछताछ हुई तो केस का खुलासा हो गया।
वह घर के पास में ही मोबाइल रिपेयर की दुकान चलाता है। उसने 12 साल पहले गाजीपुर, दिल्ली की महिला से प्रेम विवाह किया था। उसके दोस्त नीरज पर टीला
मोड़ थाने में महिला से छेड़छाड़ के दो मुकदमे दर्ज हैं।
हत्या कर पूजाघर में छिपाया था शव
पूछताछ में अजय ने बताया कि शनिवार को पत्नी व दस वर्षीय बेटा बाहर गए हुए थे। बेटी को बाहर से सामान लाने के लिए भेज दिया था। अजय ने बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था लेकिन बच्ची के चिल्लाने पर पिटाई कर दी थी। इससे बच्ची के नाक से खून निकल आया था।
दुष्कर्म के बाद बच्ची की नाक व मुंह पर हाथ रखकर हत्या कर दी थी। शव को अपने घर के पूजा घर में छिपाकर बाहर से दरवाजा बंद कर दिया था। बेटे के आने पर बच्ची के लापता होने की बात कही।
यही बात मम्मी व अन्य लोगों को कहने को बोली। ऐसा नहीं करने पर पिटाई करने का डर भी दिखाया था। इस कारण अजय के दोनों बच्चों ने भी पुलिस को अंत तक बच्ची के लापता होने की ही जानकारी दी। पूरा परिवार व उसका दोस्त बच्ची को खोजने का नाटक करता रहा।