अलीगढ़ में मुस्लिम शिक्षक का राष्ट्रगान गाने से इनकार, मां सरस्वती पर भी नहीं चढ़ाए फूल, कहा- मेरे मजहब में नहीं…
उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ जिला एक बार फिर सुर्खियों में छाया हुआ है. यहां के प्राइमरी स्कूल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुस्लिम टीचर ने राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं सरस्वती माता की तस्वीर पर माला अर्पण करने से भी इनकार किया. ध्वजारोहण से भी साफ मना कर दिया. तमाम टीचरों के समझाने के बाद भी मुस्लिम टीचर अपनी जिद पर अड़ा रहा. इस दौरान लोगों ने वीडियो रिकॉर्ड कर वायरल कर दिया.
मामला इगलास तहसील के लहकतोई गांव का है. यहां स्थित प्राइमरी स्कूल में ध्वजारोहण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सभी टीचर्स हर्षोल्लास के साथ ध्वजारोहण में शामिल हुए. इसी बीच एक मुस्लिम टीचर हसमुद्दीन के राष्ट्रीयगान गाने से इनकार पर सभी टीचर्स हैरान रह गए. सभी ने समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन वो अपनी जिद पर ही अड़े रहे. उन्होंने भारत माता जयकारे लगाने और राष्ट्रगान गाने से साफ इनकार कर दिया. मामला इनता बढ़ गया कि अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी को सूचना दी गई. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए एबीएसए को जांच के आदेश दिए हैं. जांच के उपरांत कार्रवाई करने की बात कही है.
मुस्लिम टीचर द्वारा राष्ट्रगान गाने से इनकार
बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ढाका ने जानकारी देते हुए बताया कि मामले का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें एक मुस्लिम टीचर द्वारा राष्ट्रगान गाने से इनकार किया गया है. इतना ही नहीं सरस्वती की तस्वीर पर माला अर्पण करने से भी मना कर रहा है. वीडियो को बेहद गंभीरता से लेते हुए तत्काल खंड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंप दी है, जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
बाराबंकी में फहराया दिया गया इस्लामिक झंडा
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर यूपी के बाराबंकी जिले से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया. यहां एक मदरसे में तिरंगे की जगह इस्लामिक झंडा फहराया गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर पहुंचकर झंडे को नीचे उतरवाया. मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में भी लिया है. दोनों से पूछताछ की जा रही है. वहीं, मदरसे के मौलाना ने कहा कि हमारे धर्म में तिरंगा नहीं फहराया जाता है.