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‘ऑपरेशन जानू’ था उमेश पाल हत्याकांड का नाम, मर्डर से पहले शाइस्ता ने शूटरों के साथ की थी पार्टी

प्रयागराज. 23 फरवरी की रात को असद अहमद समेत सभी शूटर्स ने चकिया इलाके में पार्टी की थी. उमेश पाल हत्याकांड को ऑपरेशन जानू का नाम दिया गया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अतीक अहमद के घर के हेल्पर राकेश से पूछताछ में यह निकल कर सामने आया था कि 23 फरवरी की रात को शाइस्ता परवीन की मौजूदगी में असद समेत सभी शूटर्स ने पार्टी की थी और 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हो गई थी.

असद अहमद और उसके नाबालिग भाई के मोबाइल चैट से मिली जानकारी के मुताबिक उमेश पाल हत्याकांड को ऑपरेशन जानू का नाम दिया गया था. राकेश ने पुलिस पूछताछ में इस बात का खुलासा किया था. राकेश ने पुलिस को यह भी बताया था कि अतीक अहमद का नाबालिग बेटा और वह खुद पार्टी का सामान लेने के लिए मार्केट गए थे. उन्हें असद अहमद ने कहा था कि ऑपरेशन जानू को अंजाम तक पहुंचाना है, लिहाजा आज रात घर पर तमाम मेहमानों के साथ पार्टी होगी. राकेश के मोबाइल पर वह चैट भी पुलिस ने बरामद कर लिया है, जिसमें असद ने पार्टी के लिए तमाम सामान लाने के लिए कहा था. उमेश पाल की हत्या के बाद अशद समेत सभी शूटर चकिया में इकट्ठा भी हुए थे. आपको बता दें कि आरोपी राकेश इस वक्त नैनी जेल में बंद है.

गौरतलब है कि 24 फ़रवरी को धूमनगंज इलाके में उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में माफिया अतीक के बेटे असद समेत चार शूटर्स पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं, जबकि गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर अभी भी फरार चल रहे हैं. माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन भी लगातार फरार चल रही हैं. उन पर भी 50 हजार का इनाम घोषित है.

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