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गाजियाबाद में काम के पैसे मांगने वाले पुताई ठेकेदार को पुलिसकर्मियों ने पीटा, मौत; लापवाही के चलते SHO निलंबित

गाजियाबाद के लालकुआं स्थित मानसरोवर पार्क कालोनी निवासी पुताई ठेकेदार प्रेमशंकर महतो (52) की दो पुलिसकर्मियों ने पांच जनवरी को उधार के रुपये मांगने पर बेरहमी से पिटाई कर दी। बुधवार को प्रेमशंकर महतो की मौत हो गई। प्रेमशंकर के बेटे कृष्णा का आरोप है कि पुलिसकर्मियों की पिटाई से पिता की मौत हुई है।

पांच जनवरी को जब दोनों पुलिसकर्मियों ने उनके पिता की पिटाई की तो उन्होंने थाने व चौकी में शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिकायत करके जब वह वापस लौटे तो उन्होंने उन्हें फिर मारा। इससे उनके दिमाग की नस फट गई। जिनका उन्हें 20 फरवरी को पता चला।

कृष्णा ने बताया कि उनके पिता ने एक साल पहले मानसरोवर पार्क में पड़ोस में रहने वाले पुलिसकर्मी प्रेमपाल और नितिन के घर पुताई का काम किया था। जिसके प्रेमपाल पर 20 हजार और नितिन पर 15 हजार रुपये बकाया थे। दोनों ने कुछ समय बाद रुपये देने को कहा। तगादा करने के बावजूद वे उनके रुपये नहीं दे रहे थे।

आरोप है कि पांच जनवरी को जब उनके पिता प्रेमपाल व नितिन से पैसों का तकादा करने के लिए उनके घर गए थे। प्रेमपाल और नितिन ने उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी। देर रात होने के कारण उनके पिता घर लौट आए।

अगले दिन छह जनवरी को उन्होंने चौकी में शिकायत की लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की और उन्हें वापस भेज दिया। इसके बाद वह वेव सिटी थाना पहुंचे और वहां भी शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

कृष्णा ने बताया कि उनके पिता की बुधवार शाम हालत बिगड़ गई थी। मौत होने के डर से उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस उन्हें एमएमजी अस्पताल ले आई। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने एमएमजी अस्पताल में हंगामा किया। मौके पर दो थानों की पुलिस पहुंच गई। मौके डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल व अन्य अधिकारियों ने पहुंचकर परिजनों को निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया।

दूसरी पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे प्रेमशंकर

कृष्णा ने बताया कि वह मूलरूप से बिहार के सीतामढ़ी के रीवा थाने के गांव गुलाकीपुर खैरवा के रहने वाले हैं। उनकी मां उर्मिला देवी की मौत के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। पिता मानसरोवर पार्क कालोनी में दूसरी पत्नी संगीता देवी व दो बच्चों आयुष और कार्तिक के साथ रहते थे। जबकि वह नंदग्राम क्षेत्र में रहते हैं। प्रेमशंकर को 18 फरवरी को लकवे का अटैक आया था। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई है।

अलग-अलग अस्पताल में चला उपचार

कृष्णा ने बताया कि पुलिसकर्मियों की पिटाई से उनके पिता के सिर व सीने में अंदरूनी गंभीर चोट आ गई थी। उनके पिता दवाई खाकर सहन करते रहे। 18 फरवरी को जब उनकी हालत बिगड़ी तो वह एमएमजी अस्पताल लेकर आए। जहां से उन्हें संतोष मेडिकल के लिए रेफर कर दिया गया। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने वहां से उन्हें डिस्चार्ज कराकर दिल्ली जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से उन्हें सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। वहां से चिकित्सकों ने उन्हें जनकपुरी के एक अस्पताल में रेफर कर दिया। इसी बीच हुई जांच से उन्हें पता चला कि उनके पिता के सिर में पिटाई से गंभीर चोट आई है।

मेडिकल कराया गया था नहीं थी कोई चोट

एसीपी वेव सिटी रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि प्रेम शंकर ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ छह जनवरी को मारपीट की शिकायत दी थी। उनका मेडिकल कराया गया था, रिपोर्ट में उनके कोई चोट नहीं आई थी। मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। दोनों पुलिसकर्मी कहां तैनात हैं इसकी जानकारी की जा ही है। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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