सीमा हैदर को जान से मारने की धमकी पति से कहा बच्चों की मर्जी है तो ले जाए उन्हें
ग्रेटर नोएडा। पाकिस्तानी सीमा हैदर और सचिन की प्रेम कहानी में आए दिन नया घटनाक्रम सामने आ रहे है। एक निजी चैनल के लाइव शो के दौरान सीमा हैदर के पति ने उसे खूब बुरा भला कहा। एक मौलवी द्वारा भी सीमा हैदर को जान से मारने की धमकी दी गई है। ऐसी परिस्थिति में भी सीमा हैदर ने हिम्मत नहीं छोड़ी है। उसने फिर दोहराया है कि वह पाकिस्तान नहीं जाना चाहती। गुलाम हैदर अपने बच्चों से ज्यादा प्यार करता है और बच्चे अपनी मर्जी से जाना चाहते हैं तो वह उन्हें ले जा सकता है। पर वह पाकिस्तान नहीं जाएगी। सोमवार को सीमा का इंटरव्यू करने आए एक मीडिया कर्मी ने अपने मोबाइल फोन में एक वायस मैसेज सुनाया। जिसमें सीमा व सचिन को बुरा भला कहते हुए जान से मारने की धमकी दी गई है। मीडिया कर्मी के अनुसार उसके मोबाइल फोन पर यह वायस मैसेज पाकिस्तान से किसी मौलाना ने भेजा है। मैसेज को देखकर सीमा द्वारा व्यक्त की जा रही उस आशंका को बल मिलता है जिसमें उसने पाकिस्तान लौटने पर मार दिए जाने की बात कही थी। उधर एक टीवी शो के लाइव प्रोग्राम के दौरान भी सीमा ने कहा कि अगर उसे पाकिस्तान भेजा गया तो वहां उसकी हत्या कर दी जाएगी। शो के दौरान सऊदी अरब से लाइव सीमा के पाकिस्तानी पति गुलाम हैदर ने उसे खूब भला बुरा कहा। हालांकि वह बार बार कहता रहा कि सीमा से उसका कोई लिखित तलाक नहीं हुआ है और वह अब भी उसकी पत्नी है। पश्चिमा ने कहा कि उसका तलाक हो गया है गुलाम हैदर नहीं मान रहा तो मैं अब उसे तलाक दे रही हूं ।उसने भारत सरकार से एक बार फिर से अपील करते हुए सीमा व बच्चों को वापस पाकिस्तान भेजने की मांग की।
गुलाम चाहे तो बच्चों को ले जा सकता है।
मीडिया कर्मियों से बातचीत में सीमा ने पति गुलाम हैदर की मांग को ठुकराते हुए कहा कि वह किसी भी कीमत पर अब पाकिस्तान नहीं लौटना चाहती। अगर गुलाम हैदर चाहे और बच्चों की मर्जी हो तो वह बच्चों को पाकिस्तान ले जा सकता है।
सिमा ने कहा कि पाकिस्तान में गुलाम हैदर उसपर शक करता था और अक्सर मरता, पीटता था। सऊदी अरब जाने के बाद भी वह फोन पर गाली गलौज करता था। लाइव शो के दौरान भी सीमा ने गुलाम हैदर से दो टूक कहा कि अगर वह उसे इज्जत देता तो शायद आज वह हिंदुस्तान में नहीं आती। सीमा के मुताबिक उसके बच्चे गुलाम हैदर को पापा न कहकर हैदर बुलाते थे। बच्चे अपने नाना (सीमा के पिता) को अब्बू बुलाते थे क्योंकि बचपन से उन्होंने ही बच्चों को पाला पोसा था।