नोएडा में PNGRB ने अदाणी की कंपनी को घरेलू गैस पहुंचाने और CNG के लिए लाइसेंस के आवेदन को किया खारिज
नयी दिल्ली: तेल एवं गैस नियामक पीएनजीआरबी ने अडाणी समूह की कंपनी अडाणी टोटल गैस लिमिटेड के नोएडा में सीएनजी की खुदरा बिक्री और पाइप से घरों तक रसोई गैस पहुंचाने के लिए लाइसेंस लेने के आवेदन को खारिज कर दिया है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामकीय बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने 14 जुलाई को जारी आदेश में कहा कि नोएडा में सीएनजी एवं पीएनजी वितरण को लेकर अडाणी टोटल गैस लिमिटेड नियमों के अनुरूप शर्तें पूरी नहीं करती है लिहाजा उसका आवेदन खारिज किया जाता है।
किसी भी क्षेत्र में सीएनजी की खुदरा बिक्री या रसोई घरों तक पाइप से गैस पहुंचाने का कारोबार करने के लिए इच्छुक कंपनी को पीएनजीआरबी से लाइसेंस लेना होता है। पीएनजीआरबी के गठन से पहले यह अनुमति केंद्र सरकार देती थी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में गैस वितरण के लिए इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) को मंजूरी मिली हुई है लेकिन अडाणी टोटल गैस ने दिल्ली से सटे इलाकों में उसके दावेदारी को चुनौती दी थी।
आईजीएल 1990 के दशक के अंतिम वर्षों से ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में सीएनजी का वितरण कर रही है। उसे दिल्ली से सटे नोएडा में भी अप्रैल, 2004 में केंद्र सरकार से वितरण प्राधिकार मिला था।
हालांकि अडाणी टोटल गैस (पूर्व में अडाणी एनर्जी लिमिटेड) ने जून, 2008 में नोएडा के भौगोलिक क्षेत्र में प्राकृतिक गैस वितरण नेटवर्क खड़ा करने के लिए दावा पेश किया था। लेकिन उस समय पीएनजीआरबी उस आवेदन पर कोई निर्णय नहीं कर पाया और मामला उच्चतम न्यायालय में चला गया।
उच्चतम न्यायालय ने गत वर्ष सितंबर में इस याचिका का निपटान करते हुए कहा था कि नियामक इस आवेदन पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। उसके बाद से पीएनजीआरबी अडाणी समूह की कंपनी के आवेदन पर गौर कर रही थी।
नियामकीय बोर्ड के तीन में से दो सदस्यों- गजेंद्र सिंह और ए के तिवारी ने आवेदन को खारिज करने के पक्ष में मत दिया। हालांकि तीसरे सदस्य अजीत कुमार पांडेय का मत था कि मामले के अपीलीय न्यायाधिकरण में विचाराधीन होने से नियामक के लिए आदेश पारित करना सही नहीं होगा।
पीएनजीआरबी ने अपने आदेश में कहा, ‘अडाणी समूह की कंपनी की तरफ से 25 जून, 2008 को आवेदन के साथ जमा किए गए दस्तावेजों पर गौर करने के बाद बोर्ड ने यह आवेदन खारिज करने का फैसला किया है।’
नियामकीय बोर्ड की 25 अप्रैल, 2023 को हुई बैठक में आवेदन के समय लाइसेंस के लिए जरूरी शर्तें पूरी नहीं करने के आधार पर यह फैसला किया गया। संबंधित क्षेत्र में गैस वितरण के लिए जरूरी उपकरणों की खरीद न होने को इसका आधार बनाया गया है।