Supertech Twin Tower मामले में 11 अफसरों के रिकॉर्ड तलब, SIT जांच के बाद 26 पर FIR
नोएडा: भ्रष्टाचार की बुनियाद पर बने सुपरटेक ट्विन टावर के मामले की जांच एक बार फिर तेज हो गई है। इस प्रकरण में शासन की ओर से गठित एसआईटी की जांच के बाद 26 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। शासन ने इनमें से 11 अधिकारियों की जांच ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव को सौंपी है। उन्होंने इनकी जांच का रिकॉर्ड पूर्व जांच अधिकारी एसीईओ प्रवीण मिश्रा से मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी में बने ट्विन टावर 28 अगस्त 2022 को ध्वस्त किए गए थे। ट्विन टावर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण पर सख्त टिप्पणी कर प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि प्राधिकरण के चेहरे ही नहीं, उसके मुंह, नाक, आंख सभी से भ्रष्टाचार टपकता है।
प्राधिकरण के अधिकारियों की बिल्डर से साठगांठ है। इसके बाद शासन ने भी इस मामले में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर मामले की जांच कराई थी। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर मामले में शामिल 26 अधिकारियों/कर्मचारियों, सुपरटेक लिमिटेड के निदेशकों और उनके आर्किटेक्ट्स के खिलाफ 4 अक्टूबर 2021 को मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस प्रकरण में जिन 26 अधिकारियों पर आरोप हैं, उनमे से 20 रिटायर हो चुके हैं। दो की मौत हो चुकी है। चार आरोपी सेवा में थे, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
सुपरटेक के ट्विन टावर मामले में प्राधिकरण के अधिकारियों की जांच का जिम्मा शासन ने एसीईओ प्रवीण मिश्रा को दिया गया था। उनका 30 सितंबर 2022 को स्थानांतरण होने के बाद से इस मामले की जांच शुरूकी थी। यह जांच अन्य किसी अधिकारी को नहीं मिल सकी थी, जिसको लेकर नोएडा प्राधिकरण की ओर से बीते छह माह में तीन बार शासन को पत्र भेजा गया था। इसके बाद हाल ही में ग्रेटर नोएडा के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव को इस मामले की जांच सौंपी गई। ओएसडी सौम्य ने कहा कि शासन के निर्देश पर वह मामले की जांच कर रहे हैं और इस जांच को आगे बढ़ाने के लिए पूर्व के जांच अधिकारी से इस प्रकरण से जुड़ा सारा रिकॉर्ड मांगा है।
विजिलेंस ने इन पर मुकदमा दर्ज कराया था
1. मोहिंदर सिंह – सीईओ, नोएडा (रिटायर्ड)
2. एसके द्विवेदी – सीईओ, नोएडा (रिटायर्ड)
3. आरपी अरोड़ा – एडिशनल सीईओ, नोएडा (रिटायर्ड)
4. यशपाल सिंह – ऑफिसर ऑन स्पेशन ड्यूटी (रिटायर्ड)
5. एस.के.मिश्रा – टाउन प्लानर (रिटायर्ड)
6. राजपाल कौशिक – सीनियर टाउन प्लानर (रिटायर्ड)
7. त्रिभुवन सिंह – चीफ आर्किटेक्ट प्लानर (रिटायर्ड)
8. शैलेंद्र कैरे – डिप्टी जनरल मैनेजर, ग्रुप हाउसिंग (रिटायर्ड)
9. बाबूराम – प्रोजेक्ट इंजीनियर (रिटायर्ड)
10. टी.एन.पटेल – प्लानिंग असिस्टेंट (रिटायर्ड)
11. वीए देवपुजारी – चीफ आर्किटेक्ट प्लानर (रिटायर्ड)
12. एनके कपूर – एसोसिएट आर्किटेक्ट (रिटायर्ड)
13. प्रवीण श्रीवास्तव – असिस्टेंट आर्किटेक्ट (रिटायर्ड)
14. ज्ञानचंद – लॉ ऑफिसर (रिटायर्ड)
15. राजेश कुमार – लीगल एडवाइजर (रिटायर्ड)
16. विपिन गौड़ – जनरल मैनेजर (रिटायर्ड)
17. एमसी त्यागी – प्रोजेक्ट इंजीनियर (रिटायर्ड)
18. एसी सिंह – कंट्रोलर ऑफ फाइनेंश (रिटायर्ड)
19. पीएन बाथम – एडिशनल चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (रिटायर्ड)
20. केके पांडेय – चीफ प्रोजेक्ट इंजीनियर (रिटायर्ड)
21. स्व. मैराजुद्दीन – प्लानिंग असिस्टेंट (रिटायर्ड)
22. स्व. डीपी भारद्वाज – प्लानिंग असिस्टेंट
23. मुकेश गोयल – प्लानिंग असिस्टेंट
24. अनीता – प्लानिंग असिस्टेंट
25. रितुराज व्यास- एसोसिएट टाउन प्लानर
26. विमला सिंह – एसोसिएट टाउन प्लानर
इनकी भूमिका जांच रहे ओएसडी
● मुकेश गोयल तत्कालीन प्रबंधक नियोजन (वर्तमान में प्रबंधक नियोजन गीडा)
● रितुराज व्यास, तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक नियोजन (यमुना प्राधिकरण से संबद्ध)
● विमला सिंह तत्कालीन सहयुक्त नगर नियोजक (सहायक प्रबंधक यूपीसीडा)
● अनीता तत्कालीन प्लानिंग अस्सिटेंट (सहायक प्रबंधक यूपीसीडा कानपुर)
● एके मिश्रा तत्कालीन नगर नियोजक (30 जून 2021 को रिटायर्ड)
● राजेश कुमार तत्कालीन विधि सलाहकार (31 मार्च 2020 को रिटायर्ड)
● ज्ञानचंद तत्कालीन विधि अधिकारी (31 मार्च 2020 को रिटायर्ड)
● एम.सी त्यागी तत्कालीन परियोजना अभियंता (30 सितंबर 2018 को रिटायर्ड)
● प्रवीन श्रीवास्तव तत्कालीन सहायक वास्तुविद (रिटायर्ड 31 जुलाई 2020)
● बाबूराम तत्कालीन परियोजना अभियंता (रिटायर्ड 31 मार्च 2019)
● टीएन पटेल तत्कालीन प्लानिंग अस्सिटेंट (रिटायर्ड 31 मई 2019)
सुपरटेक के निदेशक-आर्किटेक्ट
● आरके अरोड़ा-निदेशक
● संगीता अरोड़ा-निदेशक
● अनिल शर्मा-निदेशक
● विकास कंसल-निदेशक
● दीपक मेहता (एसोसिएट्स आर्किटेक्ट)
● नवदीप ( इंटीरियर डिजाइनर)