रोज न नहाने वाले कहलाते हैं पापी, गरुड़ पुराण के अनुसार मिलती है यह सजा
नई दिल्ली | हिंदू धर्म ग्रंथों में गरुड़ पुराण की गणना विशेष स्थान पर होती है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने पक्षीराज गरुड़ को जीवन के महत्वपूर्ण गुणों के विषय में बताया है। साथ ही यह भी बताया कि एक व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से कैसे अपना जीवन सुगम रूप से व्यतीत कर सकता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इन बातों का पालन करता है उसे न केवल जीवन काल में बल्कि मृत्यु के उपरांत भी सुख मिलता है। बता दें कि गरुड़ पुराण में स्नान और पूजा-पाठ इन दोनों विषयों पर विस्तार से बताया गया है। इसमें बताया है कि जो लोग रोजाना स्नान नहीं करते हैं वह पाप के भागीदार होते हैं और उन्हें अपने जीवनकाल में ही इसकी सजा दी जाती है। आइए जानते हैं क्यों प्रतिदिन स्नान को माना गया है महत्वपूर्ण?
गरुड़ में स्नान न करने के विषय यह बताया गया है
- गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने बताया है कि जो व्यक्ति हर दिन स्नान नहीं करता है, वह जाने-अंजाने में अपनी ओर नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित कर रहा है। अपवित्र रहने से नकारात्मकता में अधिक वृद्धि जाती है।
- साथ ही यह भी बताया है कि नितदिन स्नान ध्यान ना करने से माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं। जिसके कारण व्यक्ति को आर्थिक व मानसिक रूप से कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति के घर में भी हमेशा विघ्न उत्पन्न होते रहते हैं।
- किसी धार्मिक कार्य को शुरू करने से पहले भी स्नान करना बहुत ही आवश्यक है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्नान करने से न केवल शारीरिक शुद्धता आती है, बल्कि मानसिक तनाव भी दूर हो जाता है। जिसके कारण ईश्वर का नाम स्मरण करने में और प्रार्थना करने में आसानी होती है।
- गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो लोग ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करते हैं, उन्हें लौकिक और परलौकिक फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही उनका मन सदा आस्था में लगा रहता है और वह सांसारिक चिंताओं से दूर रहते हुए अपना जीवन सुगम रूप से व्ययतित करते हैं।
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