उत्तराखंड में सिपाही और हेड कांस्टेबल स्तर के पुलिसकर्मियों को अपने, पति या पत्नी और बच्चों के जन्मदिन पर छुट्टी मिलेगी। इसके अलावा उनकी सालगिरह पर भी छुट्टी से मना नहीं किया जा सकेगा। हर जिले, पीएसी और आईआरबी में व्हाट्सएप पर ही छुट्टी मंजूर करना अनिवार्य होगा।
शनिवार को पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों से संवाद के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने ये निर्णय लिए। इसके निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। पहली बार संवाद के दौरान कांस्टेबल, हेडकांस्टेबल और डीजीपी एक साथ एक टेबल पर बैठे थे। इसमें सब इंस्पेक्टर से लेकर डीआईजी रैंक तक के भी अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान पुलिसकर्मियों ने खुलकर अपनी समस्याएं डीजीपी के सामने रखीं। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि ये भी प्रमुख समस्या सामने आयी कि चीता के लिए पेट्रोल की व्यवस्था नहीं होती। इस पर निर्णय लिया गया कि चीता के लिए तेल की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा हर चौकी में भी कम से कम एक बाइक गश्त के लिए विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी।
लाइन हाजिर पुलिसकर्मियों की जांच तीन दिन में पूरी होगी संवाद के दौरान सामने आया कि पब्लिक प्रेशर में पुलिसकर्मियों को बिना जांच के तत्काल निलंबित या लाइन हाजिर कर दिया जाता है। लेकिन जांच लंबी खिंचने पर वे महीनों तक कई बार बिना गलती के कार्रवाई भुगतते हैं।
ऐसे में ये निर्णय लिया गया कि ऐसे मामलों में जांच तीन दिन में जांच पूरी कर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस में तनाव मुक्ति के लिए उत्तराखण्ड पुलिस वाईव्स वेलफेयर एसोसिएशन (उपवा) की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
ये भी लिए गए बड़े निर्णय
-महिला हल्पडेस्क एवं चीता मोबाइल को सीयूजी मोबाइल नंबर दिए जाएंगे।
-पुराने निरीक्षकों, उप निरीक्षकों एवं आरक्षियों को तकनीकी दक्ष बनाने के लिए ट्रेनिंग कोर्स कराए जाएंगे।
-विशेषज्ञ सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षक एवं उप निरीक्षकों की मानदेय पर विवेचना में सेवा ली जाएगी।
-स्मार्ट बैरक्स की तर्ज पर अब थाने एवं चौकियों के शौचालयों को भी स्मार्ट बनाया जाएगा।
-पीएसी जवानों की समस्याएं समझने के लिए कमेटी बनाई गई है।